उत्तर प्रदेश का नाम आते ही जेहन में राजनीती का बहुत बड़ा चेहरा उभर कर आता है। उत्तर प्रदेश हमेशा से ख़राब राजनीती के साथ साथ यहाँ की कानून व्यवस्था क्षेत्रवाद जातिवाद से भरी राजनीती से जाना जाता रहा है। ऐसे ही नहीं कहा जाता की उत्तर प्रदेश से ही संसद का रास्ता खुलता है। उत्तर प्रदेश हमेशा से सुर्खियों में रहने वाला राज्य रहा है। आइये जानते है उत्तर प्रदेश के बारे में कुछ रोचक बाते।
यह राज्य सन 1937 में बना जिसमे से उत्तराखंड अलग हो चूका है, लेकिन अभी भी इस राज्य को चार अलग अलग भागो में बांटने की बात हो रही है।
- हिन्दू धर्म हमेशा से इसी राज्य से जुड़ा रहा है,वो चाहे राम का जन्मा हो या श्री कृष्णा का।
- बौद्ध धर्म भी यहाँ से जुड़ा हुआ है।
- महात्मा बुद्धा की मृत्यु उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में हुए जिसका आज भी बोधि मंदिर है।
- भारत सरकार का चिन्ह् मौर्य सम्राट अशोक के द्वारा उत्तर प्रदेश के वाराणसी के निकट सारनाथ में बनवाया गया था, जिसे 1947 के बाद भारत सरकार ने अपना चिन्ह् बना लिया था।
- उत्तर प्रदेश में कुल 80 जिले और 15 डिवीजन हैं, यहां की जनसंख्या, हिंदुस्तान के सभी राज्यों में से सबसे ज्यादा है।
बनारस
बनारस, विश्व का सबसे प्राचीन शहर है। कहा जाता है कि एक जमाने में यहां लोग आपसी बातचीत भी शास्त्रों की भाषा में किया करते थे, इसीकारण वहां की भाषा और संस्कृति बेहद समृद्ध है
शाहजहां
आगरा का दुनिया प्रसिद्ध ताजमहल, बादशाह शाहजहां ने बनवाया था, कहा जाता है कि वह अपनी बेगम से इतना प्यार करते थे कि उनके मरने के पांच दिन के भीतर ही बादशाह का एक-एक बाल सफेद हो गया था।
तम्बाकू-बीड़ी
यूपी में भारत की सबसे ज्यादा तम्बाकू और बीड़ी बनाई जाती है। यहां के कासंगज इलाके में तम्बाकू की खेती उच्च स्तर पर होती है और गुरसहायगंज इलाके के हर घर में सिर्फ बीड़ी बनाने का काम होता है। यहां से सारी दुनिया को इन नशीले पदार्थो को भेजा जाता है।
अमर लोगों का वास
कहा जाता है कि संसार में सिर्फ तीन लोग ही अमर हैं - अश्वथामा, हनुमान जी और वेदव्यास। माना जाता है कि ये तीनों की अमर लोग यूपी में ही हैं। यूपी के कुछ मंदिरों के लिए मानते हैं कि हर दिन ये लोग उन स्थानों पर जाकर पूजा करते है।
उन्नाव
कहने को यूपी की आर्थिक राजधानी कानपुर है लेकिन कानपुर के पास स्थित में सभी कारखाने लगे हुए हैं। यह देश का सबसे प्रदुषित इलाका है जहां हर ओर चमड़े की बदबू आती है।
महिलाओं का नंगे होकर हल चलाना
यूपी के कुछ क्षेत्रों में जब सूखा पड़ जाता है तो गांव की महिलाएं नंगी होकर बैल बनकर हल चलाती हैं और उस स्थान पर पुरूषों का आना मना होता है, पूरे दिन में सिर्फ एक पुरूष ही दूर जाकर पानी रखकर चला आता है, यह प्रकार का टोटका होता है।
पारिजात वृक्ष
पारिजात वृक्ष, लखनऊ से 40 किमी. की दूरी पर है, जो सारी दुनिया में अपनी तरह का अलग वृक्ष है। इस वृक्ष को इसके फूलों के लिए जाना जाता है जो हर दिन अपना रंग बदलते हैं। लोग मानते है कि भगवान कृष्ण की दूसरी पत्नी के लिए यह वृक्ष स्वर्ग से आया था।
इत्र
यूपी के कन्नौज जिले में इत्र भारी मात्रा में बनाया जाता है। अगर आप कभी इस शहर से गुजरे तो गुलाबों की खुशबु हवा में आसानी से महसूस की जा सकती है। यहां के खेतों में फसल से ज्यादा फूलों जैसे - गुलाब, गेंदा और मेंहदी की पैदावार होती है।
जनेऊ संस्कार
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण परिवारों में जनेऊ संस्कार का बहुत महत्व होता है, जब यह संस्कार होता है तो लड़के को सिर्फ लंगोट पहनकर घर से बाहर निकलना होता है और भीख मांगना पड़ता है। एक बार जनेऊ हो जाने के बाद, उसे सारी उम्र जनेऊ को धारण करना पड़ता है और हर बार पेशाब जाने से पहले कान के ऊपर चढ़ाना होता है।
करमांसा
एक भारत की एक ऐसी नदी है, जिसमें पानी है, लेकिन लोग इसका पानी छूने या इस्तेमाल करने से कतराते हैं, उनका मानना है इसे छूने से उनका काम बेकार हो जाएगा। इस नदी के आसपास रूकने वाले लोग भी यहां सिर्फ ड्राईफूट्रस खाकर रहते हैं, क्योकि उन्हे लगता है कि खाना बनाने में इसका पानी इस्तेमाल करना होगा।
नौंटकी
हिंदी सिनेमा आने से पहले भारत में सबसे ज्यादा मनोरंजन नौटंकी से किया जाता था, जिसमें घरेलू लड़कियों का जाना मना होता था। हालांकि जब नौटंकी शुरू हुई थी, तो यह बहुत अच्छी थी, लेकिन वक्त के साथ-साथ यह एक अश्लील डांस में बदल गई। पिछले दिनों सैफई महोत्सव में नौटंकी में ही विवाद हुआ था।
कोस-कोस पे बदले पानी, ढ़ाई कोस पे वाणी
यूपी के बारे में यह बात बहुत प्रसिद्ध है। यहां हर कोस यानि तीन किमी. पर पानी का स्वाद बदल जाता है और हर ढाई कोस पर भाषा बदल जाती है। एक ही जिले में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर भाषा के फर्क को यहां आकर साफ तौर पर समझा जा सकता है।
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