Sunday, 4 September 2016

5 सितम्बर शिक्षक दिवस : मतलब सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाने इनके गज़ब जानकारी

5 सितंबर को  शिक्षक दिवस के रूप में मानते है। इस दिन पुरे देश में बड़े हर्लोउत्साह से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हमारे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर को हुआ। 
 आईये जानते है सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में महत्वपूर्ण बातें। 
1 . सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म के उपलक्ष्य में 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

2. इनका जन्म चेन्नई से 64 किलोमीटर दूर तिरूतन्नी स्थान में हुआ था।

3. सर्वपल्ली हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति एवं प्रथम उपराष्ट्रपति रहे है। 

4. राजनीती में प्रवेश करने के पहले उन्होंने अपने 40 वर्ष शिक्षा को प्रदान किया।

5. भारत रत्न से सम्मानित सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षको को सम्मान देने के लिए अपने जन्म दिन के दिन शिक्षक दिवस के रूप में मानाने की बात कही। 
आइये जानते है पुरे विश्व में कैसे मनाया जाता है शिक्षक दिवस 
1. हर देश में अलग अलग तिथियो को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, पर हमारे देश में 5 सितम्बर को है

2. यूनेस्को ने आधिकारिक रूप से  5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस के रूप में चुना, अब 100 से ज्यादा देशो में 5 अक्टूबर को ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
    
3. अमेरिका में दो दिन मनाया जाता  है शिक्षक दिवस। 

4. राधाकृष्णन पुरे विश्व को एक शिक्षा का मंदिर मानते थे। 

5. सन 1954 को भारत सरकार ने भारत का सर्बोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। 

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पोस्ट पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद 

Friday, 2 September 2016

उत्तर प्रदेश भारत का ह्रदय: यकीन मानिए नहीं जानते होंगे इसकी रोचक जानकारी

उत्तर प्रदेश का नाम आते ही जेहन में राजनीती का बहुत बड़ा चेहरा उभर कर आता है। उत्तर प्रदेश हमेशा से ख़राब राजनीती के साथ साथ यहाँ की कानून व्यवस्था क्षेत्रवाद जातिवाद से भरी राजनीती से जाना जाता रहा है। ऐसे ही नहीं कहा जाता की उत्तर प्रदेश से ही संसद का रास्ता खुलता है। उत्तर प्रदेश हमेशा से सुर्खियों में रहने वाला राज्य रहा  है। आइये जानते है उत्तर प्रदेश के बारे में कुछ रोचक बाते। 
                                                                                      यह राज्य सन 1937 में बना जिसमे से उत्तराखंड अलग हो चूका है, लेकिन अभी भी इस राज्य को चार अलग अलग भागो में बांटने की बात हो रही है। 
  1. हिन्दू धर्म हमेशा से इसी राज्य से जुड़ा रहा है,वो चाहे राम का जन्मा हो या श्री कृष्णा का। 
  2. बौद्ध धर्म भी यहाँ से जुड़ा हुआ है। 
  3. महात्मा बुद्धा की मृत्यु उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में हुए जिसका आज भी बोधि मंदिर है। 
  4. भारत सरकार का चिन्‍ह् मौर्य सम्राट अशोक के द्वारा उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी के निकट सारनाथ में बनवाया गया था, जिसे 1947 के बाद भारत सरकार ने अपना चिन्‍ह् बना लिया था।
  5. उत्‍तर प्रदेश में कुल 80 जिले और 15 डिवीजन हैं, यहां की जनसंख्‍या, हिंदुस्‍तान के सभी राज्‍यों में से सबसे ज्‍यादा है। 

बनारस

बनारस, विश्‍व का सबसे प्राचीन शहर है। कहा जाता है कि एक जमाने में यहां लोग आपसी बातचीत भी शास्‍त्रों की भाषा में किया करते थे, इसीकारण वहां की भाषा और संस्‍कृति बेहद समृद्ध है

शाहजहां

आगरा का दुनिया प्रसिद्ध ताजमहल, बादशाह शाहजहां ने बनवाया था, कहा जाता है कि वह अपनी बेगम से इतना प्‍यार करते थे कि उनके मरने के पांच दिन के भीतर ही बादशाह का एक-एक बाल सफेद हो गया था।

तम्‍बाकू-बीड़ी

यूपी में भारत की सबसे ज्‍यादा तम्‍बाकू और बीड़ी बनाई जाती है। यहां के कासंगज इलाके में तम्‍बाकू की खेती उच्‍च स्‍तर पर होती है और गुरसहायगंज इलाके के हर घर में सिर्फ बीड़ी बनाने का काम होता है। यहां से सारी दुनिया को इन नशीले पदार्थो को भेजा जाता है।

अमर लोगों का वास

कहा जाता है कि संसार में सिर्फ तीन लोग ही अमर हैं - अश्‍वथामा, हनुमान जी और वेदव्‍यास। माना जाता है कि ये तीनों की अमर लोग यूपी में ही हैं। यूपी के कुछ मंदिरों के लिए मानते हैं कि हर दिन ये लोग उन स्‍थानों पर जाकर पूजा करते है।

उन्‍नाव

कहने को यूपी की आर्थिक राजधानी कानपुर है लेकिन कानपुर के पास स्थित में सभी कारखाने लगे हुए हैं। यह देश का सबसे प्रदुषित इलाका है जहां हर ओर चमड़े की बदबू आती है।

महिलाओं का नंगे होकर हल चलाना

यूपी के कुछ क्षेत्रों में जब सूखा पड़ जाता है तो गांव की महिलाएं नंगी होकर बैल बनकर हल चलाती हैं और उस स्‍थान पर पुरूषों का आना मना होता है, पूरे दिन में सिर्फ एक पुरूष ही दूर जाकर पानी रखकर चला आता है, यह प्रकार का टोटका होता है।

पारिजात वृक्ष

पारिजात वृक्ष, लखनऊ से 40 किमी. की दूरी पर है, जो सारी दुनिया में अपनी तरह का अलग वृक्ष है। इस वृक्ष को इसके फूलों के लिए जाना जाता है जो हर दिन अपना रंग बदलते हैं। लोग मानते है कि भगवान कृष्‍ण की दूसरी पत्‍नी के लिए यह वृक्ष स्‍वर्ग से आया था।

इत्र

यूपी के कन्‍नौज जिले में इत्र भारी मात्रा में बनाया जाता है। अगर आप कभी इस शहर से गुजरे तो गुलाबों की खुशबु हवा में आसानी से महसूस की जा सकती है। यहां के खेतों में फसल से ज्‍यादा फूलों जैसे - गुलाब, गेंदा और मेंहदी की पैदावार होती है।

जनेऊ संस्‍कार

उत्‍तर प्रदेश में ब्राह्मण परिवारों में जनेऊ संस्‍कार का बहुत महत्‍व होता है, जब यह संस्‍कार होता है तो लड़के को सिर्फ लंगोट पहनकर घर से बाहर निकलना होता है और भीख मांगना पड़ता है। एक बार जनेऊ हो जाने के बाद, उसे सारी उम्र जनेऊ को धारण करना पड़ता है और हर बार पेशाब जाने से पहले कान के ऊपर चढ़ाना होता है।

करमांसा

एक भारत की एक ऐसी नदी है, जिसमें पानी है, लेकिन लोग इसका पानी छूने या इस्‍तेमाल करने से कतराते हैं, उनका मानना है इसे छूने से उनका काम बेकार हो जाएगा। इस नदी के आसपास रूकने वाले लोग भी यहां सिर्फ ड्राईफूट्रस खाकर रहते हैं, क्‍योकि उन्‍हे लगता है कि खाना बनाने में इसका पानी इस्‍तेमाल करना होगा।

नौंटकी

हिंदी सिनेमा आने से पहले भारत में सबसे ज्‍यादा मनोरंजन नौटंकी से किया जाता था, जिसमें घरेलू लड़कियों का जाना मना होता था। हालांकि जब नौटंकी शुरू हुई थी, तो यह बहुत अच्‍छी थी, लेकिन वक्‍त के साथ-साथ यह एक अश्‍लील डांस में बदल गई। पिछले दिनों सैफई महोत्‍सव में नौटंकी में ही विवाद हुआ था।

कोस-कोस पे बदले पानी, ढ़ाई कोस पे वाणी

यूपी के बारे में यह बात बहुत प्रसिद्ध है। यहां हर कोस यानि तीन किमी. पर पानी का स्‍वाद बदल जाता है और हर ढाई कोस पर भाषा बदल जाती है। एक ही जिले में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर भाषा के फर्क को यहां आकर साफ तौर पर समझा जा सकता है।

Wednesday, 31 August 2016

बिहार जिसके रोचक जानकारी आप नहीं जानते होंगे

                          
बिहार राज्य भारतवर्ष के पूरब उत्तर के दिशा में स्थित है , जिसकी क्षेत्रफल लगभग 94,163 वर्ग  कि मी है। 
यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है आइये जानते हैं बिहार के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी -
बिहार की स्थापना सन 1912 ई में बंगाल से अलग होकर हुआ , इसके बाद सन 1935 में बिहार से अलग होकर उड़ीसा राज्य की स्थापना हुआ और अंत में सन 2000 में बिहार राज्य  दक्षिणी भाग अलग होकर झारखण्ड राज्य बना। बिहार का ऐतिहासिक नाम मगध था।  यहाँ की राजधानी पटना है जिसका पुराना नाम पाटलिपुत्र है जो बिहार का सबसे धनी एवं बड़ा राज्य है।  बिहार नाम का प्रादुर्भाव संभवत: बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुआ है जिसे विहार के स्थान पर इसके विकृत रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक गिना जाता है।बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड है।  बिहार से ससर्वाधिक बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे है जो अब तक 5 बार मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण किया है। यहाँ मुख्या रूप से हिंदी भोजपुरी मैथिलि उर्दू मगही अंगिका एवं अंग्रेजी बोली जाती है। 
  1. यहाँ की जनसंख्या लगभग 10,38,04,637 हैं बिहार (Bihar) में लगभग 5,41,85,347 पुरुष तथा लगभग 4,96,19,290 महिलाएं है
  2. बिहार (Bihar) का जनसंख्या घनत्व लगभग 1,102 वर्ग प्रति किमी हैं
  3. बिहार (Bihar) की साक्षरता 63.82 % है जिनमे 73.3% पुरुष तथा 53.33 % महिलाएं हैं
  4. बिहार (Bihar) का लिंगानुपात 1000 पुरुषों पर 916 महिलाएं हैं
  5. बिहार (Bihar) में हिन्दू 83.2 % हैं तथा मुस्लिम 16.5 % है
  6. क्षेत्रफल में यह देश का 12 वा तथा जनसंख्या में तीसरा सबसे बड़ा राज्य है
  7. बिहार (Bihar) में विधानसभा की 243 राज्यसभा की 16 तथा लोकसभा की 40 सीटें है
  8. बिहार (Bihar) के प्रमुख पर्यटन स्थल महात्मा गाँधी सेतु ()Mahatma Gandhi Setu, महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple), नालन्दा विश्वविद्यालय (Nalanda University), विष्णुपाद मंदिर (Vishnupad Temple) , बोधगया मंदिर (Bodhgaya temple) अदि हैं
  9. बिहार के प्रमुख पर्वों में छठ, होली, दिवाली, दशहरा, महाशिवरात्रि, नागपंचमी, श्री पंचमी, मुहर्रम, ईद तथा क्रिसमस हैं
उत्तर भारत में 21°58'10" ~ 27°31'15" उत्तरी अक्षांश तथा 82°19'50" ~ 88°17'40" पूर्वी देशांतर के बीच बिहार एक हिंदी भाषी राज्य है। राज्य का कुल क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है जिसमें 92,257.51 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण क्षेत्र है। झारखंड के अलग हो जाने के बाद बिहार की भूमि मुख्यतः नदियों के मैदान एवं कृषियोग्य समतल भूभाग है। गंगा के पूर्वी मैदान में स्थित इस राज्य की औसत ऊँचाई १७३ फीट है। भौगोलिक तौर पर बिहार को तीन प्राकृतिक विभागो मे बाँटा जाता है- उत्तर का पर्वतीय एवं तराई भाग, मध्य का विशाल मैदान तथा दक्षिण का पहाड़ी किनारा
उत्तर का पर्वतीय प्रदेश सोमेश्वर श्रेणी का हिस्सा है। इस श्रेणी की औसत उचाई 455 मीटर है परन्तु इसका सर्वोच्च शिखर 874 मीटर उँचा है। सोमेश्वर श्रेणी के दक्षिण में तराई क्षेत्र है। यह दलदली क्षेत्र है जहाँ साल वॄक्ष के घने जंगल हैं। इन जंगलों में प्रदेश का इकलौता बाघ अभयारण्यवाल्मिकीनगर में स्थित है।
मध्यवर्ती विशाल मैदान बिहार के 95% भाग को समेटे हुए है। भौगोलिक तौर पर इसे चार भागों में बाँटा जा सकता है:- 1- तराई क्षेत्र यह सोमेश्वर श्रेणी के तराई में लगभग 10 किलोमीटर चौ़ड़ा कंकर-बालू का निक्षेप है। इसके दक्षिण में तराई उपक्षेत्र है जो प्रायः दलदली है।
2-भांगर क्षेत्र यह पुराना जलोढ़ क्षेत्र है। समान्यतः यह आस पास के क्षेत्रों से 7-8 मीटर ऊँचा रहता है।
3-खादर क्षेत्र इसका विस्तार गंडक से कोसी नदी के क्षेत्र तक सारे उत्तरी बिहार में है। प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ के कारण यह क्षेत्र बहुत उपजाऊ है। परन्तु इसी बाढ़ के कारण यह क्षेत्र तबाही के कगार पर खड़ा है।
गंगा नदी राज्य के लगभग बीचों-बीच बहती है। उत्तरी बिहार बागमतीकोशीबूढी गंडकगंडकघाघरा और उनकी सहायक नदियों का समतल मैदान है। सोनपुनपुनफल्गू तथा किऊल नदी बिहार में दक्षिण से गंगा में मिलनेवाली सहायक नदियाँ है। बिहार के दक्षिण भाग में छोटानागपुर का पठार, जिसका अधिकांश हिस्सा अब झारखंड है, तथा उत्तर में हिमालय पर्वत की नेपाल श्रेणी है। हिमालय से उतरने वाली कई नदियाँ तथा जलधाराएँ बिहार होकर प्रवाहित होती है और गंगा में विसर्जित होती हैं। वर्षा के दिनों में इन नदियों में बाढ़ एक बड़ी समस्या है।
राज्य का औसत तापमान गृष्म ऋतु में 35-45 डिग्री सेल्सियस तथा जाड़े में 5-15 डिग्री सेल्सियस रहता है। जाड़े का मौसम नवंबर से मध्य फरवरी तक रहता है। अप्रैल में गृष्म ऋतु का आरंभ होता है जो जुलाई के मध्य तक रहता है। जुलाई-अगस्त में वर्षा ऋतु का आगमन होता है जिसका अवसान अक्टूबर में होने के साथ ही ऋतु चक्र पूरा हो जाता है। औसतन 1205 मिलीमीटर वर्षा का का वार्षिक वितरण लगभग 52 दिनों तक रहता है जिसका अधिकांश भाग मानसून से होनेवाला वर्षण है।
उत्तर में भूमि प्रायः सर्वत्र उपजाऊ एवं कृषियोग्य है। धानगेंहूँदलहनमक्कातिलहनतम्बाकू,सब्जी तथा केला, आम और लीची जैसे कुछ फलों की खेती की जाती है। हाजीपुर का केला एवं मुजफ्फरपुर की लीची बहुत प्रसिद्ध है।
बिहार की संस्कृति मगध,अंग,मिथिला तथा वज्जी संस्कृतियों का मिश्रण है। नगरों तथा गाँवों की संस्कृति में अधिक फर्क नहीं है। नगरों में भी लोग पारंपरिक रीति रिवाजों का पालन करते है तथा उनकी मान्यताएँ रुढिवादी है। समाज पुरूष प्रधान है। प्रमुख पर्वों में छठहोलीदिवालीदशहरामहाशिवरात्रिनागपंचमीश्री पंचमीमुहर्रमईद तथा क्रिसमस हैं। सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी का जन्म स्थान होने के कारण पटना में उनकी जयन्ती पर भी भारी श्रद्धार्पण देखने को मिलता है।
जातिवाद
जातिवाद बिहार की राजनीति तथा आमजीवन का अभिन्न अंग रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इसका विराट रूप सामने आया था। वर्तमान में काफी हद तक यह भेदभाव कम हो गया है। इस जातिवाद के दौर की एक ख़ास देन है - अपना उपनाम बदलना। जातिवाद के दौर में कई लोगों ने जाति स्पष्ट न हो इसके लिए अपने तथा बच्चों के उपनाम बदल कर एक संस्कृत नाम रखना आरंभ कर दिया। इसके फलस्वरूप कई लोगों का वास्तविक उपनाम यादव, शर्मा, मिश्र, वर्मा, झा, सिन्हा, श्रीवास्तव, राय इत्यादि से बदलकर प्रकाश, सुमन, प्रभाकर, रंजन, भारती इत्यादि हो गया। जातिसूचक उपनाम के बदले कई लोग 'कुमार' लिखना पसंद करते हैं।
मनोरंजन
बिहार के शहर, कस्बों तथा गाँवों में फिल्मों की लोकप्रियता बहुत अधिक है। हिंदी फिल्मों के संगीत बहुत पसन्द किये जाते हैं। मुख्य धारा की हिन्दी फिल्मों के अलावा मैथिली, भोजपुरी फिल्मों ने भी अपना प्रभुत्व जमाया है। मैथिली तथा अन्य स्थानीय सिनेमा भी लोकप्रिय हैं। अंग्रेजी फिल्म पटना जैसे नगरों में ही देखा जाता है। उच्चस्तरीय पसंद वाले लोग नृत्य, नाटकीय मंचन या चित्रकला में अपना योगदान देना पसंद करते हैं।
शादी-विवाह
शादी विवाह के दौरान ही प्रदेश की सांस्कृतिक प्रचुरता स्पष्ट होती है। जातिगत आग्रह के कारण शत-प्रतिशत शादियाँ माता-पिता या रिश्तेदारों द्वारा तय परिवार में ही होता है। शादी में बारात तथा जश्न की सीमा समुदाय तथा उनकी आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती है। लोकगीतों के गायन का प्रचलन लगभग सभी समुदाय में हैं। आधुनिक तथा पुराने फिल्म संगीत भी इन समारोहों में सुनाई देते हैं। शादी के दौरान शहनाई का बजना आम बात है। इस वाद्ययंत्र को लोकप्रिय बनाने में बिस्मिल्ला खान का नाम सर्वोपरि है, उनका जन्म बिहार में ही हुआ था।
खानपान
बिहार अपने खानपान की विविधता के लिए प्रसिद्ध है। शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनो व्यंजन पसंद किये जाते हैं। मिठाईयों की विभिन्न किस्मों के अतिरिक्त अनरसा की गोलीखाजामोतीचूर का लड्डूतिलकुटयहाँ की खास पसंद है। सत्तूचूड़ा-दही और लिट्टी-चोखा जैसे स्थानीय व्यंजन तो यहाँ के लोगों की कमजोरी है। लहसून की चटनी भी बहुत पसंद करते हैं। लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने के बाद तो लिट्टी-चोखा भारतीय रेल के महत्वपूर्ण स्टेशनों पर भी मिलने लगा है। सुबह के नास्ते मे चुडा-दही या पुरी-जिलेबी खूब खाये जाते है। दिन में चावल-दाल-सब्जी और रात में रोटी-सब्जी सामान्य भोजन है।
खेलकूद
भारत के अन्य कई जगहों की तरह क्रिकेट यहाँ भी सर्वाधिक लोकप्रिय है। इसके अलावा फुटबॉलहाकीटेनिस और गोल्फ भी पसन्द किया जाता है। बिहार का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण होने के कारण पारंपरिक भारतीय खेल जैसे कबड्डी, बहुत लोकप्रिय हैं।

उद्योग

राज्‍य के मुख्‍य उद्योग हैं - ॰मुंगेर में सिगरेट कारखाना आई टी सी ॰मुंगेर में आई टी सी के अनय उतपाद अगरबती माचिस एम तथा चावल ऑटा आदि का निरमाण ॰मुंगेर में बंदुक फैकटरी ॰मुेंगेर के जमालपुर में रेल कारखाना ॰एशिया परसिध रेल करेन कारखाना जमालपुर ॰भागलपुर में शिलक उधाेग
  • मुजफ्फरपुर और मोकामा में 'भारत वैगन लिमिटेड' का रेलवे वैगन संयंत्र,
  • बरौनी में भारतीय तेल निगम का तेलशोधक कारख़ाना है।
  • बरौनी का एच.पी.सी.एल. और अमझोर का पाइराइट्स फॉस्‍फेट एंड कैमिकल्‍स लिमिटेड (पी.पी.सी.एल.) राज्‍य के उर्वरक संयंत्र हैं।
  • सीवान, भागलपुर, पंडौल, मोकामा और गया में पांच बड़ी सूत कताई मिलें हैं।
  • उत्तर व दक्षिण बिहार में 13 चीनी मिलें हैं, जो निजी क्षेत्र की हैं तथा 15 चीनी मिलें सार्वजनिक क्षेत्र की हैं जिनकी कुल पेराई क्षमता 45,00 टी.पी.ड़ी. है।
  • इसके अलावा गोपालगंज, पश्चिमी चंपारन, भागलपुर और रीगा (सीतामढ़ी ज़िला) में शराब बनाने के कारखाने हैं।
  • पश्चिमी चंपारन, मुजफ्फरपुर और बरौनी में चमड़ा प्रसंस्‍करण के उद्योग है।
  • कटिहार और समस्‍तीपुर में तीन बड़े पटसन के कारखाने हैं।
  • हाजीपुर में दवाएं बनाने का कारख़ाना औरंगाबाद और पटना में खाद्य प्रसंस्‍करण और वनस्‍पति बनाने के कारखाने हैं।
  • इसके अलावा बंजारी में कल्‍याणपुर सीमेंट लिमिटेड नामक सीमेंट कारखाने का बिहार के औद्योगिक नक्‍शे में महत्‍वपूर्ण स्‍थान है।

Tuesday, 30 August 2016

साइबर धोखाघड़ी के बढ़ते हाथ : रोकथाम उपाय




आज कल धोखाघड़ी  के मामले में साइबर क्राइम सबसे आगे है।
खाते को हैक प्रूफ बनाने के तरीके 
1.  किसी भी साइट्स पर अपना अकाउंट लॉग इन  करने से पहले आप सेव पासवर्ड या remember password पर क्लिक नहीं करे.
2.  किसी दूसरे के मोबाइल या  लैपटॉप में अपना अकाउंट log in करने के बाद याद करके आप अपना अकाउंट log out या sign out करे।
3. कभी भी कोई भी खाता खोलते समय मोबाइल वेरिफिकेशन ऑन रखे इससे संदिग्ध log in की जानकारी मिल जाती है।
4. यूजर को अपनी id और पासवर्ड को कभी भी एक जगह डायरी में लिख कर नहीं रखना चाहिए , सबसे अच्छा तो ये होगा की इसे आप याद रखे या किसी कोड में लिख कर रखे।
5. यूजर को कभी भी बैंकिंग पासवर्ड , ईमेल फेसबुक पासवर्ड आदि एक दूसरे से मिलता जुलता नहीं बनाना चाहिए।
6. नेट बैंकिंग पासवर्ड बनाते टाइम इसे किसी सामान्य तरीके से नहीं बनाना चाहिए, हमें कभी भी 3D पासवर्ड यानि की लेटर, नंबर,और कोई सिंबल जैसे asdfg @12345
7. ऑनलाइन बैंकिंग करते समय सुरक्षा निर्देशो का पालन करे।
8. कंप्यूटर में रखे जरुरी दस्तावेज को सीडी में लोड करके रखे।
9. यदि आपके कंप्यूटर और और मोबाइल में वायरस आ जाये तो उसे एंटी वायरस से स्कैन करवाये।
10. ऑनलाइन खरीददारी के समय अगर कंपनी द्वारा ग्राहक का नाम, पता, क्रेडिट कार्ड का प्रकार, नंबर,बैंक अकाउंट नंबर तथा समाप्ति तिथि के अलावा कुछ और मांगता है तो ये समझना चाहिए  की फ़्रौड हो सकता है।
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Friday, 12 August 2016

जानिए बिहार से जुड़े रोचक एवं ऐतिहासिक तथ्य


बिहार देश के सबसे पुराने राज्यों में से एक है। हम बात करने जा रहे हैं 103 साल पुराने इस राज्य से जुड़े उन ऐतिहासिक तथ्यों पर चर्चा करने जा रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आप भी इस राज्य पर गर्व महसूस करेंगे।
बिहार का सुनहरा इतिहास
  • दुनिया का सबसे पहला गणराज्य बिहार के वैशाली में स्थापित किया गया था।
  • 2600 साल पहले बिहार को सबसे ज्यादा शांतिप्रिय यानी अहिंसा प्रिय भूमि कहा जाता था। बोधगया और पावापुरी में लोग शांति प्राप्त करने के लिये आते थे और आज भी आते हैं।
  • भारत के चार महान राजा इसी राज्य से थे- समुद्र गुप्त, सम्राट अशोक, राजा विक्रमादित्य और चंद्रगुप्त मौर्य।
  • पुरातन काल में संस्कृति और सत्ता के बारे में अध्ययन करने के लिये दुनिया भर से लोग यहां आया करते थे। 
  • भारतीय सभ्यता की असली तस्वीर पाटलीपुत्र से ही उभरी थी। 
  • नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। 
  • बौद्ध और जैन धर्मों के अलावा सिख धर्म की जड़ें भी यहां से जुड़ी हैं। गुरुगोविंद सिंह का जन्म पटना में हुआ। 
  • पुरातन काल में बिहार देश की व्यापारिक राजधानी हुआ करती थी। तब देश का 40 फीसदी व्यापार सिर्फ मगध, वैशाली, मिथ‍िला, विदेहा, अंग, साक्य प्रदेश, विज्जी, जनका से हुआ करता था।
  • 80 के दशक तक बिहार के मिथ‍िलांचल में श्रीराम को भगवान नहीं माना जाता था। हालांकि अब कुछ लोग यहां भगवान राम की पूजा करने लगे हैं।
  • विवाह पंचमी यानी, जिस दिन भगवान राम और सीता की शादी हुई थी, उस दिन मिथ‍िलांचल के लोग शादी नहीं करते। उनका मानना है कि ऐसा करने से कन्या ससुराल में खुश नहीं रहेगी।
  • बिहार के मिथि‍लांचल में कुछ जगहों पर ऐसा रिवाज है, जिसके अंतर्गत शादी के बाद दुल्हन के पैर दूल्हा धोता है। ऐसा दुल्हन को विशेष सम्मान देने के लिये किया जाता है।
  • विश्व स्तर पर हुए जियोग्राफिकल एवं एग्रीकल्चरल सर्वे के अनुसार पूरे विश्व में सबसे ज्यादा उपजाऊ जमीन बिहार की ही है।

Friday, 5 August 2016

जानिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बारे में कुछ अनकही बातें


  • नीतीश कुमार का जन्म पटना के बख्तियारपुर गांव के एक कुर्मी परिवार में हुआ था।
  • नीतीश कुमार के पुकारने का नाम 'मुन्ना' है।
  • नीतीश कुमार ने मंजू कुमार सिन्हा नाम की शिक्षिका से शादी की थी।
  • मंजू सिन्हा का देहांत साल 2007 में मात्र 53 वर्ष की अवस्था में हो गया था।
  • नीतीश कुमार ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (वर्तमान में National Institute of Technology) से इलेक्ट्रिक्ल में बीटेक किया है।
  • राजनीति में आने से पहले नीतीश कुमार ने कुछ दिनों तक बिहार स्टेट इलेक्ट्रिकल बोर्ड में काम किया था।
  • नीतीश कुमार को घर का बना भोजन ही भाता है।
  • नीतीश कुमार की पहचान अब तक के अच्छे रेल मंत्रियों में होती है क्योंकि इनके कार्यकाल में (1998-2004) में समुचित रेल व्यवस्था थी।
  • बिहार की सत्ता संभालने के दौरान नीतीश कुमार को बेस्ट राजनीतिज्ञ ऑफ द ईयर जैसे अवार्डों से नवाजा जा चुका है।
  • नीतीश कुमार के पिता कविराज राम लखन सिंह एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और वो गांधीवादी बिहार विभूति अनुराग नारायण सिन्हा के करीब माने जाते थे।
  • अनुराग सिन्हा को मार्डन बिहार के जनकों में गिना जाता है।
  • नीतीश कुमार के पिता एक आयुर्वेद वैद्यराज भी थे जिन्होंने 1957 में नेशनल कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी ज्वाइन की थी।
  • नीतीश कुमार ने राजनीति का पाठ जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, एसएन सिन्हा, करीपुरी ठाकुर और वीपी सिंह जैसे दिग्गजों से सीखा।
  • नीतीश कुमार ने साल 1974 और 1977 में जयप्रकाश नारायण आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था और वो तत्काल लोकप्रिय नेता सत्येंद्र नारायण सिन्हा के बेहद करीब आ गये।
  • संकर्षण ठाकुर ने नीतीश कुमार के जीवन पर एक किताब लिखी है जिसका शीर्षक है Single Man: The Life And Times of Nitish Kumar of Bihar.
  • अरूण सिन्हा ने भी नीतीश कुमार पर किताब लिखी है जिसका नाम है Nitish Kumar and The Rise of Bihar 
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जानिए भारतीय रेल से जुड़े कुछ रोचक तथ्‍य

भारतीय रेलवे न केवल दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल सेवा है बल्कि यह दुनिया में सर्वाधिक लोगों को नौकरी प्रदान करने वाले प्रक्रमों में से एक है। आइए, कुछ तथ्यों से रूबरू हो लें :

-भारतीय रेलवे 63,974 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग के साथ दुनिया का चौथा सबसे विशाल रेल यातायात नेटवर्क संचालित करने वाला प्रक्रम है।
-यह अमेरिका, रूस, चीन तथा कनाडा के साथ दुनिया के पांच सबसे लंबी रेल नेटवर्क संचालित करने वाले प्रक्रमों से एक है।
-यह एक अरब टन प्रतिवर्ष माल ढोने वाले रेल यातायात क्लब में शामिल हो गया है।भारतीय रेलवे प्रतिदिन 19,000 ट्रेनों का संचालन करता है।
इनमें से 12,000 ट्रेनें यात्री ट्रेनें हैं तथा 7,000 ट्रेनें माल ढोने के लिए हैं।
-भारतीय रेलवे के अंतर्गत 7,083 स्टेशन हैं।
-खड़गपुर स्थित 2,733 फीट लंबा रेल प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे लंबा रेल प्लेटफॉर्म है।
-भारतीय रेलवे प्रतिदिन 26.5 लाख टन माल की ढुलाई करता है।
-भारतीय रेलवे के अंतर्गत 230 लाख यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं तथा 72 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष भारतीय रेलवे का उपयोग करते हैं।
-भारतीय रेलवे प्रक्रम के अंतर्गत 14 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं।
-इकोनॉमिस्ट पत्रिका के अनुसार, भारतीय रेलवे दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी नियोक्ता प्रक्रम है।
-अमेरिकी रक्षा विभाग, चीनी सेना, वॉल मार्ट, चीनी राष्ट्रीय पेट्रोलियम, स्टेट ग्रिड ऑफ चीन तथा ब्रिटिश स्वास्थ्य सेवा के बाद भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ा नियोक्ता प्रक्रम है।
-भारतीय रेलवे का राजस्व आधार प्रतिवर्ष 1,06,000 करोड़ रुपये है।
-भारतीय रेलवे पिछले 170 वर्षो से अपनी सेवा प्रदान कर रहा है।
-भारतीय रेलवे के अंतर्गत पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1843 को मुंबई से ठाणे के बीच चली थी।
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